कौन हैं सीबीआई के नए डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल और क्या हैं उनसे उम्मीदें?
ये साल 2018 की दूसरी तिमाही की बात है. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बने चार साल हो रहे थे. सूबे के चुनाव में अभी एक साल से ज़्यादा का वक़्त बाक़ी था, लेकिन फडणवीस के सहयोगी उद्धव ठाकरे लोकसभा चुनाव में बीजेपी से अलग ताल ठोकने का एलान कर चुके थे.
इस दूसरी तिमाही में फडणवीस की बातचीत भारत की शीर्ष ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ में पोस्टेड एक अधिकारी से होती है. वो अधिकारी, जिसके ख़ाकी करियर की शुरुआत 33 साल पहले महाराष्ट्र से ही हुई थी.
बताते हैं कि नौ साल तक दिल्ली स्थित रॉ के दफ़्तर में सेवाएं देने के बाद ये अफ़सर महाराष्ट्र लौटना चाहते थे. लेकिन, अफ़सर से उलट मुख्यमंत्री फडणवीस इन्हें महाराष्ट्र लाने के लिए कितने उत्साहित थे, इसे यूं समझ सकते हैं कि उन्होंने इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ले जाने में गुरेज़ नहीं की.
आख़िरकार तबादला हुआ और 30 जून 2018 को इस ऑफ़िसर ने मुंबई पुलिस कमिश्नर का पद संभाला. अब क़रीब तीन साल बाद इन्हें देश की शीर्ष जाँच एजेंसी सीबीआई का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है.
कैसे चुने गए सीबीआई डायरेक्टर
सुबोध के करियर से पहले बात करते हैं बतौर सीबीआई डायरेक्टर उनकी नियुक्ति की. इसकी कहानी भी उनके करियर से कम दिलचस्प नहीं है.
सीबीआई डायरेक्टर का पद फ़रवरी 2021 यानी बीते क़रीब तीन महीने से ख़ाली पड़ा था. इस पद पर कोई नियमित नियुक्ति नहीं हुई थी. इस बीच 'कॉमन कॉज़' नाम के एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाल दी कि सीबीआई डायरेक्टर पद पर जल्द कोई नियुक्ति की जाए.
फिर कोर्ट और सरकार के बीच बातचीत भी हुई कि जल्द कोई तारीख़ तय करके सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति कर दी जाए. आख़िरकार मई महीने में इस पर काम शुरू हुआ. प्रक्रिया के तहत डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनल ऐंड ट्रेनिंग यानी DOPT की ओर से कुल 109 संभावित उम्मीदवार फ़ाइनल किए गए.
ये नाम एक हाई-पावर कमेटी के सदस्यों को भेजे जाते हैं. ये कमेटी इन नामों में से चुनिंदा दो-चार लोगों को शॉर्टलिस्ट करती है. फिर इन्हीं शॉर्टलिस्ट लोगों में से किसी को पद पर नियुक्त किया जाता है. इस हाई-पावर कमेटी में प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायधीश और विपक्ष के नेता शामिल होते हैं.
इन नामों पर मंथन से पहले माना जा रहा था कि 1984 बैच के वाईसी मोदी और राकेश अस्थाना सरकार के भरोसेमंद उम्मीदवार हैं और इन्हीं में से किसी को सीबीआई डायरेक्टर बनाया जा सकता है.
24 मई को इस मीटिंग में उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट करने वाली कमेटी में शामिल चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना ने प्रधानमंत्री को ध्यान दिलाया कि 2019 में तत्कालीन चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली बेंच ने एक फ़ैसला सुनाया था.
फ़ैसले के मुताबिक़ जिन अफ़सरों के रिटायरमेंट में सिर्फ़ छह महीने से कम वक़्त बचा हो, उन्हें UPSC की तरफ़ से डीजीपी स्तर के पदों पर नियुक्त न किया जाए.
असम मेघालय काडर के वाईसी मोदी अभी NIA चीफ़ हैं और 31 मई को रिटायर हो रहे हैं. वहीं गुजरात काडर के राकेश अस्थाना अभी BSF चीफ़ हैं और 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं.
चूंकि CBI, IB और RAW प्रमुखों की नियुक्ति दो साल के लिए होती है, इसलिए छह महीने वाले नियम की वजह से CBI डायरेक्टर के तौर पर मोदी या अस्थाना की नियुक्ति नहीं की जा सकती. दिलचस्प बात ये है कि CBI डायरेक्टर चुनने में कोर्ट के आदेश वाला ये पैमाना पहली बार लागू किया जा रहा है.
https://www.minds.com/
https://rosebell78987.medium.
https://in.pinterest.com/pin/
https://list.ly/list/5gfY-
https://dribbble.com/shots/
https://neverbroke.club/post/
https://www.zoimas.com/post/
https://yarabook.com/post/
https://diigo.com/0kj03b
https://ebeel.com/posts/11278
https://troocker.com/posts/
https://youpic.com/
https://os.mbed.com/users/
https://exchange.prx.org/
https://teampages.com/users/
https://www.strava.com/
https://www.minecraftforum.
https://renkulab.io/gitlab/
http://forum.lemaker.org/home.
http://yourlisten.com/
https://hire.careerbliss.com/
https://git.bitlair.nl/
https://www.stem.org.uk/user/
https://community.arlo.com/t5/
https://readwritenews.com/
http://community.
https://www.
https://posthereads.com/0/
http://www.adsblue.com/
https://deploygate.com/users/
Comments
Post a Comment